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  • April 4, 2024

अमृतवाणी संस्कृत भाषा

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अमृतवाणी संस्कृत भाषा 750 500 aces

अमृतवाणी संस्कृत भाषा

DISCRIPTION

देववाणी, वेदवाणी, अमृतवाणी, कर्णप्रियवाणी, मधुरवाणी आदि विशेषणों से संस्कृत की गरिमा सुशोभित होती है | संस्कृत भाषा को कई लोग जटिल एवं कठिन भाषा समझते हैं | लेकिन यथार्थ यह है कि संस्कृत भाषा न तो कठिन है और न ही क्लिष्ट है | अमृतवाणी संस्कृत भाषा नैव क्लिष्टा न च कठिना || युगों -युगों से संस्कृत गरिमामयी पद पर विराजमान है | ”देवताओं का संवाद हो या मुनियों की तपस्या , वेदों का उच्चारण हो या उपनिषदों का बखान ” सब संस्कृत में ही किए जाते हैं | नीतिश्लोक हो या सुभाषितानि ” के एक -एक श्लोक में जीवन एवं जीवनमूल्यों पर अच्छी बातें बतायी गई हैं , जो पढने वालों को जीवन पथ पर सकारात्मक सोंच के साथ आगे बढने की प्रेरणा देता है |

  • शोध में पाया गया है कि संस्कृत (Sanskrit) पढ़ने से स्मरण शक्ति (याददाश्त) बढ़ती है।
  • संस्कृत वाक्यों का क्रम बदल देने से उसका अर्थ नहीं बदलता है | यही संस्कृत की विशेषता है |
  • नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार जब वो अंतरिक्ष ट्रैवलर्स को मैसेज भेजते थे तो उनके वाक्य उलट जाते थे। इस वजह से मैसेज का अर्थ ही बदल जाता था। उन्होंने कई भाषाओं का प्रयोग किया लेकिन हर बार यही समस्या आई। आखिर में उन्होंने संस्कृत में मैसेज भेजा क्योंकि संस्कृत के वाक्य उलटे हो जाने पर भी अपना अर्थ नहीं बदलते हैं। जैसा के ऊपर बताया गया है।
  • संस्कृत भाषा में किसी भी शब्द के समानार्थी शब्दों की संख्या सबसे ज्यादा होती है |
  • भारत के कुछ स्थानों पर आज भी संस्कृत में ही बात की जाती है | जैसे- कर्नाटक के मट्टुर गाँव में आज भी लोग संस्कृत में ही बोलते हैं।
  • संस्कृत उत्तराखंड की आधिकारिक राज्य(official state) भाषा है।
  • संस्कृत भारत में ही नहीं विदेशों में भी बोली जाती है | जैसे- जर्मनी के 14 विश्वविद्यालय में संस्कृत की शिक्षा दी जा रही है |